उनकी प्रेरणा से जमशेदपुर में रखी गई थी टाटा स्टील कंपनी की बुनियाद
देवभूमि देवघर 6 बार आए थे स्वामी विवेकानंद
युवा शक्ति को देश की सबसे बड़ी धरोहर मानने वाले स्वामी विवेकानंद का झारखंड की माटी से नाता रहा है। देवभूमि से उनका गहरा लगाव था। वे यहां 6 बार आए थे। टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी नसरवान जी टाटा स्वामी विवेकानंद के चमत्कारी व्यक्तित्व से बहुत ज्यादा प्रभावित थे। एक मुलाकात में बातचीत के क्रम में वे इतना प्रभावित हुए थे कि इस्पात उद्योग की राह आसान हुई और आगे चलकर उनकी प्रेरणा से टाटा में उद्योग की नींव रखी गई थी।